आजमगढ़ में मिले दस्तावेज से निकलेगा राममंदिर विवाद का हल
Dhanaoura times news
आजमगढ़ः राम मंदिर विवाद से संबंधित दस्तावेज आजमगढ़ में मिलने का दावा किया जा रहा है। क्या आजमगढ़ से भेजा गया एक साक्ष्य मंदिर के फैसले से अहम भूमिका निभा सकता है ? स्वर्गीय रास बिहारी लाल आनरेरी लाइफ मजिस्ट्रेट के पौत्र राय अनूप कुमार श्रीवास्तव ने एक दस्तावेज रजिस्ट्रार जनरल माननीय सर्वोच्च न्यायालय को भेजकर उनका ध्यान आकृष्ट कराया है। राज घराने में लंबे समय से दस्तावेजों के बीच पड़े इस पन्ने पर राम जन्म भूमि के होने का प्रमाण है।
राय रास बिहारी लाल के संग्रहित कुछ दस्तावेजों में से एक दस्तावेज ऐसा मिला है जिसमें फारसी में उल्लेख है कि शहंशाह बाबर के दरबार से आदेश हुआ था कि इस इमारत का जीर्णोद्धार कराया जाए जो देवता के अवतार (जन्म) लेने की जगह है। जिसे मीर बाकी निशानी के तौर पर बनवाया था।
इसका निर्माण 935 हिजरी में हुआ। इस प्रमाण को रास बिहारी लाल के पौत्र राय अनूप कुमार श्रीवास्तव ने रजिस्ट्रार जनरल माननीय सर्वोच्च न्यायालय को प्रेषित कर कोर्ट संज्ञान में भेजा है।
उन्होंने बकायदा पत्र लिखा कि यह दस्तावेज कितना सत्य है इसका परीक्षण कोर्ट या शासन प्रशासन अपने स्तर से कराए, क्योंकि इस विषय में उन्हें स्पष्ट तौर पर जानकारी नहीं है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि आज से लगभग 400 वर्ष पूर्व मुगल शासन काल में किसी विद्रोह के चलते सांडूपाली राजस्थान से बिहार लाल के पूर्वज राजपूतों के सहयोग से लाला का बनकट जगदीशपुर बुढ़नपुर में बसे थे।
18वीं सदी में स्वर्गीय राय सरबसुख लाल तालुकदार थे। इसके बाद उनके दो पुत्र राय गणेश दत्त लाल व राय प्रयागदत्त लाल रियासत के मालिक हुए। उनके वंशज आज भी मौजूद हैं।
स्वर्गीय परागदत्त लाल कायस्थ होते हुए भी ज्योतिष के उच्च कोटि के ज्ञाता थे। 8 मई 1904 को स्वर्गीय परागदत्त के यहां पुत्र का जन्म हुआ। जिसका नाम रास बिहारी लाल रखा गया।
राय रास बिहारी लाल ने समाज में बहुत नाम कमाया। राय रास बिहारी लाल के दस्तावेज में फारसी में मिले दस्तावेज को उनके पौत्र राय अनूप कुमार श्रीवास्तव ने रजिस्टार जनरल व राम लला ट्रस्ट को भेजा है कि शायद यह राम मंदिर विवाद में काम आ जाय
आजमगढ़ में मिले दस्तावेज से निकलेगा राममंदिर विवाद का हल
Reviewed by Ravindra Nagar
on
February 17, 2018
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