यूपी में भी लागू हुआ ई-वे बिल, जीएसटी अधिकारी तैयार, व्यापारी नहीं
Dhanaoura times news Lucknow
जीएसटी का ई-वे बिल आधी रात से लागू तो हो गया है, लेकिन जिन्हें व्यापारिक परिवहन का यह प्रपत्र प्रयोग करना है यानि व्यापारियों को यह मंजूर नहीं है। तर्क यही है कि कारोबार के लिहाज से ५० हजार रुपये का माल ज्यादा नहीं होता, जबकि ई-वे बिल के नियमों से छोटे कारोबारी अभी परिचित भी नहीं हैैं। हालांकि जीएसटी अधिकारी ई-वे बिल की हर दुविधा के समाधान का दावा कर रहे हैैं, लेकिन व्यापारी आशंकित हैैं कि लंबे-चौड़े नियम कायदों के बीच उनसे कोई चूक हो गई तो मदद का दावा करने वाले अधिकारी ही निर्ममता से जुर्माना वसूलने में कसर नहीं छोड़ेंगे।
यह किसी से छिपा नहीं है कि कारोबार के पुराने तौर-तरीकों में बड़े पैमाने पर नंबर दो का माल बिना कागजातों के लाया-ले जाता था और पकड़ा भी जाता था। जानकार ऐसी भी तरकीब बताते हैैं कि जिसमें एक प्रपत्र को कई बार इस्तेमाल कर लिया जाता था, लेकिन ई-वे बिल की व्यवस्था में यह तिकड़म संभव नहीं होगा। पोर्टल से ई-वे बिल जेनरेट होगा और इसे एक बार से अधिक प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। अधिकारियों के मुताबिक कुछ लोगों द्वारा ई-वे बिल के विरोध का एक कारण यह भी है कि इस व्यवस्था में कोई धांधली नहीं चल सकेगी। माल का प्रत्येक परिवहन जीएसटी की निगरानी में होगा और इसी मुताबिक टैक्स की गणना कर वसूली की जाएगी।
दूसरी तरफ व्यापारियों का कहना है कि जिलों में ई-वे बिल का प्रशिक्षण अभी पूरा नहीं हुआ है, इसलिए जल्दबाजी में इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए। व्यापारी नेता बनवारीलाल कंछल के मुताबिक बड़े पैमाने पर व्यापारियों को अब भी यह पता नहीं है कि ई-वे बिल कैसे जेनरेट करना है। शहरों के भीतर छोटी दूरी के परिवहन पर भी ई-वे बिल की शर्त लागू किए जाने को कंछल लूट का जरिया मान रहे हैैं। उनकी आशंका है कि ई-वे बिल की सख्ती के नाम पर कारोबारियों का बड़े पैमाने पर उत्पीडऩ किया जा सकता है। व्यापारियों के अन्य संगठन भी ई-वे बिल के विरोध में हैैं। उप्र सीमेंट व्यापार संघ ने भी सीमेंट कारोबार को ई-वे बिल के दायरे से बाहर रखने की मांग की है।
जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर विवेक कुमार ने बताया कि ई-वे बिल को लेकर व्यापारियों की कठिनाई दूर करने के लिए राज्य कर विभाग की हेल्प डेस्क अब अगले कुछ दिनों तक चौबीसों घंटे काम करेगी। यह हेल्प डेस्क और जीएसटी के दफ्तर अबकी शनिवार और इतवार को भी इसी उद्देश्य से खोले जाएंगे। ई-वे बिल में किसी कठिनाई पर व्यापारी हेल्प डेस्क के अलावा चौबीसों घंटे सक्रिय रहने वाले कंट्रोल रूम से भी सहायता ले सकते हैैं। सोशल मीडिया पर ट्विटर और फेसबुक के जरिये भी संवाद किया जा सकता है।
यहां से मिलेगी मदद
हेल्प डेस्क - ०५२२- ३३१२६०० व २७२१९४४
कंट्रोल रूम - ०५२२- २७२११५३
ट्विटर - एट कॉमटैक्सयू
फेसबुक- कॉमटैक्सयूपी
वेबसाइट- कॉमटैक्स.यूपी.एनआइसी.आइएन
ई-मेल - इन्फो.यूपी.जीएसटी एट जीमेल.कॉम
यूपी में भी लागू हुआ ई-वे बिल, जीएसटी अधिकारी तैयार, व्यापारी नहीं
Reviewed by Ravindra Nagar
on
February 01, 2018
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