राज्यसभा में तीन तलाक बिल: पक्ष-विपक्ष ने कसी कमर, पीएम मोदी की मौजूदगी अहम
Dhanaoura times news
तीन तलाक बिल पर लगातार सियासत जारी है। आज भी राज्यसभा में इस पर हंगामा होने के आसार नजर आ रहे हैं। विपक्ष ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। खास तौर से कांग्रेस ने जिसने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर राज्यसभा में मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। लोकसभा में तो विपक्ष ने इसका समर्थन कर आसानी से पास करा दिया। मगर जिन खामियों पर आपत्ति जताई, उसमें बदलाव की मांग को लेकर राज्यसभा में इस बिल की राह में रोड़ा बनकर खड़ा हो गया है। राज्यसभा में अल्पमत में सरकार है, इस कारण बहुमत के लिए विपक्ष का साथ बेहद जरूरी है और ऐसे में कांग्रेस भला इतना सुनहरा मौका भुनाने से कहां चूकने वाला है।
आपको बता दें कि आज चालू सत्र का आखिरी दिन है। ऐसे में अगर यह बिल आज पास नहीं होता है तो फिर बजट सत्र तक का इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि सरकार झुकने के मूड में बिल्कुल भी नहीं है। वह इस सत्र में तीन तलाक बिल को पास कराने में जुटी हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी भी इसको लेकर सक्रिय हो गए हैं। आज वह भी राज्यसभा में मौजूद रहेंगे। इस बीच आपको बता दें कि लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित हो गई है।
इससे पहले गुरुवार को भी राज्यसभा में लगातार दूसरे दिन सियासी घमासान जारी रहा। विपक्ष बिल को प्रवर समिति (सेलेक्ट कमेटी) के पास भेजने को अड़ा रहा तो सरकार ने भी इस मांग के आगे झुकने से इनकार कर दिया। इस सियासी रस्साकशी में बिल के शीत सत्र में पारित होने की अब कोई गुंजाइश नहीं दिख रही।
राज्यसभा में नेता सदन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तत्काल तीन तलाक बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग को इसे लटकाने का प्रयास करार दिया। उनका कहना था कि विपक्ष ने प्रवर समिति के लिए जिन सांसदों को आगे किया है, वे वास्तव में इस बिल को खत्म करना चाहते हैं। इतना ही नहीं प्रवर समिति के लिए विपक्ष का संशोधन 24 घंटे पहले नहीं आया। नियम के हिसाब से यह वैध नहीं है।
राज्यसभा में यह मसला दूसरे दिन तब आया, जब अर्थव्यवस्था पर अल्पकालिक चर्चा के बाद जीएसटी बिल पर बहस शुरू हो रही थी। सपा के नरेश अग्रवाल समेत विपक्ष के तमाम सदस्यों ने उपसभापति पीजे कुरियन से विपक्ष के दोनों वैध संशोधनों पर मतविभाजन की मांग पर फैसला देने को कहा। विपक्ष का कहना था कि पहले इस मुद्दे का निपटारा हो, तब जीएसटी बिल लिया जाए। सरकार ने गुरवार को एजेंडे में तत्काल तीन तलाक को जीएसटी के बाद रखा था।
नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने जेटली के आरोपों पर कहा कि यह गलत प्रचार फैलाया जा रहा कि कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष तत्काल तीन तलाक बिल के खिलाफ है। हमारी आपत्ति केवल इस पर है कि एकसाथ तीन तलाक पर पति जेल जाएगा, तब उस दौरान पत्नी का गुजारा कौन चलाएगा। हमारा आग्रह है कि गुजारे की व्यवस्था कर दीजिए।
प्रवर समिति में भेजे जाने का क्या होगा असर
- प्रवर समिति में भी विपक्ष हावी रहेगा। संशोधनों पर जोर देगा।
- यदि राज्यसभा ने संशोधनों को मंजूर किया तो बिल को फिर से लोकसभा भेजना होगा।
- इस तरह बिल पास होने की प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है।
- सुप्रीम कोर्ट की सलाह के मुताबिक 22 फरवरी तक कानून बनना चाहिए।
- प्रवर समिति में भी विपक्ष हावी रहेगा। संशोधनों पर जोर देगा।
- यदि राज्यसभा ने संशोधनों को मंजूर किया तो बिल को फिर से लोकसभा भेजना होगा।
- इस तरह बिल पास होने की प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है।
- सुप्रीम कोर्ट की सलाह के मुताबिक 22 फरवरी तक कानून बनना चाहिए।
राज्यसभा में तीन तलाक बिल: पक्ष-विपक्ष ने कसी कमर, पीएम मोदी की मौजूदगी अहम
Reviewed by Ravindra Nagar
on
January 05, 2018
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