आजादी की लड़ाई में मदरसों का अहम किरदार, शान से मनाएं गणतंत्र दिवस : दारुल उलूम
Dhanaoura times news
प्रसिद्ध इस्लामी तालीमी इदारे दारुल उलूम देवबंद ने तमाम मदरसों और अल्पसंख्यक इदारों से गणतंत्र दिवस शान से मनाने की अपील की है। दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने जारी बयान में कहा कि ङ्क्षहदुस्तान की आजादी में मदरसों व उलमा ने अहम किरदार अदा किया है। 1857 में शामली में अंग्रेजों के खिलाफ दारुल उलूम देवबंद के उलमा ने लड़ाई लड़ी थी। संस्थापक मौलाना कासिम नानौतवी भी उस लड़ाई में शामिल थे।
महान स्वतंत्रता सेनानी शेखुल हिंद मौलाना महमूद हसन देवबंदी की तहरीक रेशमी रुमाल भी इतिहास का एक रोशन अध्याय है। इनके अलावा अनगिनत उलमा के नाम अंग्रेजों से लोहा लेने वालों की फेहरिश्त में शामिल है। उन्होंने कहा कि यह मुल्क हमारा है और इसकी आजादी और जमहूरियत भी हमारी है। इसलिए तमाम मदरसों के जिम्मेदारों को चाहिए कि वे गणतंत्र दिवस पर मदरसों में कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को मुल्क की आजादी की तारीख बताएं और उन्हें मदरसों व उलमा की कुर्बानियों से वाकिफ कराएं।
आजादी की लड़ाई में मदरसों का अहम किरदार, शान से मनाएं गणतंत्र दिवस : दारुल उलूम
Reviewed by Ravindra Nagar
on
January 24, 2018
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