सिर्फ डिग्री बांटने का केंद्र न बनें शिक्षण संस्थान : सीएम योगी आदित्यनाथ
Dhanaoura times news lucknow
शिक्षण संस्थान केवल डिग्री बांटने का केंद्र न बनें बल्कि वह समाज की आवश्यकताओं को समझें और उनकी पूर्ति करने में योगदान दें। शिक्षण संस्थान को चाहिए कि वह सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने में अपना सक्रिय सहयोग दें। यह विचार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यक्त किए। वह बुधवार को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के 22वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बीबीएयू में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर बॉटनिकल गार्डेन और गौतम बुद्ध के नाम पर योग केंद्र स्थापित करने के लिए सवा करोड़ रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने पहली नार्थ इंडिया साइंस कांग्रेस का भी उद्घाटन किया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज की क्या आवश्यकता है? उसकी समस्या क्या है? और समाधान कैसे होगा। इसकी जिम्मेदारी केवल सरकार पर ही छोड़ दी गई है लेकिन यह ठीक नहीं है। शिक्षण संस्थान भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों की आय दोगुना करने का सपना देखा है। इसके लिए किसानों के खेती की मिट्टी की जांच के लिए स्वाइल टेस्टिंग कार्ड बनाया जा रहा है। शिक्षण संस्थानों को चाहिए कि वह अपनी विज्ञान की लैब में स्वाइल टेस्टिंग करें। राज्य सरकार इसकी एवज में आर्थिक मदद भी करने को तैयार है। इसी तरह डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया जैसे कार्यक्रमों को सफल बनाने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं। विश्वविद्यालय स्तर पर नवाचार को बढ़ावा दें। सीएम ने राज्य सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई। उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना के तहत 70 लाख गरीबों को एलपीजी गैस कनेक्शन और 23 लाख परिवारों को बिजली कनेक्शन दिया गया।
बीबीएयू के कुलपति प्रो. आरसी सोबती की मांग पर सीएम ने एक करोड़ रुपये की लागत से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बॉटनिकल गार्डेन और 25 लाख रुपये की लागत से गौतमबुद्ध योग केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की। इस दौरान सीएम ने बीबीएयू में जैव प्रौद्योगिकी ब्लॉक और पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्मृति उपवन का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम में बीबीएयू के कुलपति प्रो. आरसी सोबती ने कहा कि जल्द ही 12 नए विभाग स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दस जनवरी 1996 को बीबीएयू की स्थापना हुई थी और पहला सत्र 1997 में शुरू हुआ था। इस समय बीबीएयू में 20 स्कूल व 25 विभाग हैं और विद्यार्थियों की संख्या 6300 है। प्रो. सोबती ने कहा कि किस तरह विज्ञान गांव-गांव पहुंचे और सरल भाषा में विज्ञान का चमत्कार लोगों को समझाया जाए इसके लिए नार्थ इंडिया साइंस एकेडमी का गठन किया गया है। कार्यक्रम में हावर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रभाकर मिश्र, जापान के एमईआइ विश्वविद्यालय के प्रो. मसातोशी वैतेनाबे और इंटर एकेडमी पैनल फॉर साइंस के को-चेयर प्रो. कृष्ण लाल भी मौजूद रहे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब उन्होंने सत्ता संभाली तो पता चला कि लोगों के पास राशन कार्ड हैं लेकिन राशन नहीं मिलता। कोटेदार ने कार्ड अपने स्तर पर बना रखें और अपात्र लोग भी राशन ले रहे हैं। हमने आधार कार्ड से राशन कार्ड को लिंकअप करवाया और राशन की दुकानों पर 13 हजार ई पॉश मशीनें लगवाई। पहले चरण में ही 37 लाख फर्जी राशन कार्ड मिले और 33 करोड़ रुपये की बचत हुई। उन्होंने वैज्ञानिकों का आवाहन किया कि वह नई तकनीकी समय पर लोगों को देने की कोशिश करें।
सीएम ने कहा कि कूड़े का निस्तारण बड़ी समस्या है। ऐसे में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर विवि व कॉलेज काम करें। वहीं गोबर गैस प्लांट लगाएं। ताकि उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन पाने वालों को ऊर्जा देने का प्रबंध सामाजिक सहभागिता से गांव में हो सके।
कुलपति प्रो. आरसी सोबती ने कहा कि योग केंद्र व बॉटनिकल गार्डेन के लिए सवा करोड़ रुपये देने के लिए पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने घोषणा की थी। मगर वह किन्हीं कारणों से पूरा नहीं कर पाए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनकी यह दो मांगे मान ली। मगर रमाबाई रैली स्थल के रखरखाव की जिम्मेदारी देने की मांग पर वह कुछ नहीं बोले।
कार्यक्रम में बीबीएयू के कुलपति प्रो. आरसी सोबती ने कहा कि विवि को ऊंचाई पर ले जाने के लिए जितना फंड मिले कम होता है। ऐसे में एक कुलपति हमेशा याचक की भूमिका में होता है। उससे बड़ा भिखारी कोई नहीं होता। इस पर सीएम सहित सभी ने ठहाके लगाए।
सिर्फ डिग्री बांटने का केंद्र न बनें शिक्षण संस्थान : सीएम योगी आदित्यनाथ
Reviewed by Ravindra Nagar
on
January 11, 2018
Rating:

No comments: