बजट से पहले पीएम मोदी ने की महत्वपूर्ण बैठक, इस मुद्दे को बताया गया बड़ी चुनौती
Dhanaoura times news
नोटबंदी और जीएसटी जैसे कड़े आर्थिक सुधार लागू करने के बाद विकास दर में सुस्ती की चुनौती का सामना कर रही सरकार के समक्ष बेरोजगारी भी प्रमुख चुनौती रूप से उभरकर आई है। अर्थशास्त्रियों संग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में बुधवार को रोजगार पर भी चर्चा हुई। यह राजनीतिक मुद्दा भी है और ऐसे में सरकार इससे प्रभावी ढंग से निपटना चाहेगी। साथ ही किसानों की आय किस तरह दोगुनी की जाए इस पर भी बैठक में मंथन हुआ।
नीति आयोग ने आम बजट 2018-19 से ठीक पहले अर्थशास्त्रियों के साथ चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई थी। इसमें अलग-अलग क्षेत्रों के 40 से अधिक विशेषज्ञ और अर्थशास्त्रियों के साथ ही वित्त मंत्री अरुण अरुण जेटली, वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु और आला अधिकारी शामिल हुए।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि कई विशेषज्ञों का मानना था कि पढ़े-लिखे युवाओं में बेरोजगारी का स्तर 20 प्रतिशत तक है। ऐसे में रोजगार सृजन महत्वपूर्ण है। कुमार ने यह तो नहीं बताया कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए क्या कदम उठाएगी या आगामी आम बजट में क्या उपाय करेगी, लेकिन उन्होंने यह जरूर बताया कि जल्द ही नीति आयोग रोजगार के हाई फ्रीक्वेंसी आंकड़े जारी करेगा। ये आंकड़े बिग डाटा एनालिटिक्स पर आधारित होंगे और इसके नतीजे चौंकाने वाले होंगे।
राजीव कुमार ने बताया कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि किसानों की आय दोगुनी किस तरह की जाए। उन्होंने कहा कि कई अर्थशास्त्रियों का कहना था कि कृषि उत्पादन बढ़ाने के बजाय लागत घटाने और बाजार तक पहुंच बेहतर बनाने पर फोकस होना चाहिए। गौरतलब है कि सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।
राजीव कुमार ने यह भी बताया कि बैठक में शामिल स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए लाए गए मेडिकल शिक्षा आयोग विधेयक को ऐतिहासिक कदम करार देते हुए सरकार की सराहना की।
इस बीच सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की जरूरत पर भी जोर दिया। इससे पहले भी प्रधानमंत्री अलग-अलग मंच से एकसाथ चुनाव करने की जरूरत को रेखांकित कर चुके हैं। नीति आयोग की ओर से बुलाई गई बैठक का थीम 'इकोनॉमिक पॉलिसी-द रोड अहेड' था।
अर्थशास्त्रियों ने कृषि और ग्रामीण विकास, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा, मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात, शहरी विकास और ढांचागत व कनेक्टिविटी विषयों पर चर्चा की। आयोग ने यह बैठक ऐसे समय बुलाई है, जब देश की विकास दर चालू वित्त वर्ष में मात्र साढ़े छह फीसदी रहने का अनुमान है। यह मोदी सरकार के कार्यकाल की अब तक की न्यूनतम होगी। साथ ही रोजगार के अवसरों में भी वांछित वृद्धि नहीं हुई है।
बजट से पहले पीएम मोदी ने की महत्वपूर्ण बैठक, इस मुद्दे को बताया गया बड़ी चुनौती
Reviewed by Ravindra Nagar
on
January 11, 2018
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