विद्यालयों में प्रार्थना को लेकर मोदी सरकार को मिला सुप्रीम कोर्ट का नोटिस.!
Dhanaoura times news
देश के सर्वोच्च न्यायलय ने मोदी सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब माँगा है कि देश के एक हजार से ज्यादा केंद्रीय विद्यालयों में बच्चों द्वारा सुबह की सभा में गाई जाने वाली प्रार्थना क्या किसी धर्म विशेष का प्रचार है?
दरअसल एक वकील ने याचिका दाखिल कर कहा है कि केंद्रीय विद्यालयों में 1964 से हिंदी-संस्कृत में सुबह की प्रार्थना हो रही है जो कि पूरी तरह असंवैधानिक है. याचिकाकर्ता ने इसे संविधान के अनुच्छेद 25 और 28 के खिलाफ बताते हुए कहा है कि इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है. उनकी दलील है कि सरकारी स्कूलों में धार्मिक मान्यताओं और ज्ञान को प्रचारित करने के बजाय वैज्ञानिक तथ्यों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए.
कोर्ट ने इसपर नोटिस जारी करते हुए केंद्र सरकार और केंद्रीय विद्यालय संगठन से पूछा है कि क्या हिंदी और संस्कृत में होने वाली प्रार्थना से किसी धार्मिक मान्यता को बढ़ावा मिल रहा है। कोर्ट ने पूछा है कि स्कूलों में सर्वधर्म प्रार्थना क्यों नहीं कराई जा सकती? कोर्ट ने नोटिस का जवाब देने के लिए एक महीने का वक्त दिया है.
विद्यालयों में प्रार्थना को लेकर मोदी सरकार को मिला सुप्रीम कोर्ट का नोटिस.!
Reviewed by Ravindra Nagar
on
January 11, 2018
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