*ट्रिपल तलाक : तलाक " तलाक " तलाक " मसौदे पर सहमति जताने वाला पहला राज्य बना UP..
Dhanaoura times news Lucknow
*लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने ट्रिपल तलाक को लेकर केन्द्र के प्रस्तावित विधेयक के मसौदे से सहमति व्यक्त की है। इसके साथ ही ट्रिपल तलाक सम्बन्धी विधेयक के मसौदे पर सहमति जताने वाला यूपी पहला राज्य बना। इस बिल को मोदी सरकार द्वारा शीतकालीन सत्र में लाए जाने की तैयारी है।*
*मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में ट्रिपल तलाक पर प्रस्तावित विधेयक के मसौदे पर रजामंदी जाहिर की गयी। इस मसौदे में ट्रिपल तलाक या तलाक-ए-बिदअत को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध करार देते हुए इसके दोषी को तीन साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण का खर्च भी देना होगा।*
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि केन्द्र ने राज्य सरकार को वह मसविदा भेजते हुए 10 दिसम्बर तक उस पर राय देने को कहा था। मंत्रिपरिषद की सहमति मिलने के बाद इसे वापस केन्द्र के पास भेजा जाएगा। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश तीन तलाक सम्बन्धी विधेयक के मसविदे पर सहमति देने वाला पहला राज्य है।
इस विधेयक को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में पेश किये जाने की सम्भावना है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद अब तक ट्रिपल तलाक के कुल 68 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें उत्तर प्रदेश अव्वल है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिए जाने के बावजूद देश में ट्रिपल तलाक के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने ‘मुस्लिम वुमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरेज बिल’ का मसविदा तैयार किया है। इसे विभिन्न राज्य सरकारों के पास विचार के लिये भेजा गया है।प्रस्तावित विधेयक के तहत ईमेल, एसएमएस तथा व्हाट्सएप समेत किसी भी तरीके से दिए गए तीन तलाक को गैरकानूनी माना गया है।
*लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने ट्रिपल तलाक को लेकर केन्द्र के प्रस्तावित विधेयक के मसौदे से सहमति व्यक्त की है। इसके साथ ही ट्रिपल तलाक सम्बन्धी विधेयक के मसौदे पर सहमति जताने वाला यूपी पहला राज्य बना। इस बिल को मोदी सरकार द्वारा शीतकालीन सत्र में लाए जाने की तैयारी है।*
*मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में ट्रिपल तलाक पर प्रस्तावित विधेयक के मसौदे पर रजामंदी जाहिर की गयी। इस मसौदे में ट्रिपल तलाक या तलाक-ए-बिदअत को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध करार देते हुए इसके दोषी को तीन साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण का खर्च भी देना होगा।*
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि केन्द्र ने राज्य सरकार को वह मसविदा भेजते हुए 10 दिसम्बर तक उस पर राय देने को कहा था। मंत्रिपरिषद की सहमति मिलने के बाद इसे वापस केन्द्र के पास भेजा जाएगा। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश तीन तलाक सम्बन्धी विधेयक के मसविदे पर सहमति देने वाला पहला राज्य है।
इस विधेयक को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में पेश किये जाने की सम्भावना है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद अब तक ट्रिपल तलाक के कुल 68 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें उत्तर प्रदेश अव्वल है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिए जाने के बावजूद देश में ट्रिपल तलाक के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने ‘मुस्लिम वुमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरेज बिल’ का मसविदा तैयार किया है। इसे विभिन्न राज्य सरकारों के पास विचार के लिये भेजा गया है।प्रस्तावित विधेयक के तहत ईमेल, एसएमएस तथा व्हाट्सएप समेत किसी भी तरीके से दिए गए तीन तलाक को गैरकानूनी माना गया है।
*ट्रिपल तलाक : तलाक " तलाक " तलाक " मसौदे पर सहमति जताने वाला पहला राज्य बना UP..
Reviewed by Ravindra Nagar
on
December 08, 2017
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