वोटर ID भी होंगे आधार से लिंक, नहीं होगा फर्जी मतदान
Dhanaoura times news
नई दिल्ली। मतदाता पहचान पत्र और चल-अचल संपत्ति को आधार से लिंक करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस मामले पर दिशानिर्देश जारी करने की मांग करने वाली, याचिका की सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है। सोमवार को याचिकाकर्ता की तरफ से वकील विकास सिंह ने इस पर सुनवाई की मांग की, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम चार हफ्ते बाद इस मामले पर सुनवाई करेंगे। याचिकाकर्ता ने मांग की कि इस दौरान केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया।
आधार के साथ फर्जीवाड़ा नहीं के बराबर
याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव के दौरान फर्जी मतदान को रोकने और ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को वोट डालने के लिए आधार आधारित मतदाता पहचान पत्र जरुरी है। याचिका में कहा गया है कि आधार के साथ फर्जीवाड़ा नहीं के बराबर है क्योंकि इससे लिंक करने के लिए बायोमेट्रिक डाटा की जरूरत होती है। इसलिए मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक करने के लिए निर्वाचन आयोग को दिशानिर्देश जारी किए जाएं।
फर्जी मतदान संविधान की धारा का उल्लंघन
याचिका में कहा गया है कि फर्जी मतदान संविधान की धारा 14,325,326 का दो तरीके से उल्लंघन करती है। पहला यह कि ये स्वतंत्र मतदान करने के हमारे अधिकार का उल्लंघन करता है। यह एक मतदाता एक मत के सिद्धांत का भी उल्लंघन करता है। यह आम आदमी को निर्वाचित होने के अधिकार का भी उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया है कि मतदान की वर्तमान प्रक्रिया कम पारदर्शी है। इस प्रक्रिया से मतदाता का वेरिफिकेशन सही से नहीं हो पाता है।
आयकर विभाग को मालिक का पता चल सकेगा
याचिका में चल और अचल संपत्ति को भी आधार से लिंक करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि अब ज्यादातर लोगों के पास आधार कार्ड है। अगर चल संपत्ति को आधार से लिंक किया गया तो आयकर विभाग को संपत्ति के असली मालिक का पता चल सकेगा। ऐसे में अगर वैध मालिक ये कहता है कि संपत्ति के बारे में उसे जानकारी नहीं है तो उस संपत्ति को बेनामी संपत्ति माना जाए।
नई दिल्ली। मतदाता पहचान पत्र और चल-अचल संपत्ति को आधार से लिंक करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस मामले पर दिशानिर्देश जारी करने की मांग करने वाली, याचिका की सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है। सोमवार को याचिकाकर्ता की तरफ से वकील विकास सिंह ने इस पर सुनवाई की मांग की, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम चार हफ्ते बाद इस मामले पर सुनवाई करेंगे। याचिकाकर्ता ने मांग की कि इस दौरान केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया।
आधार के साथ फर्जीवाड़ा नहीं के बराबर
याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव के दौरान फर्जी मतदान को रोकने और ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को वोट डालने के लिए आधार आधारित मतदाता पहचान पत्र जरुरी है। याचिका में कहा गया है कि आधार के साथ फर्जीवाड़ा नहीं के बराबर है क्योंकि इससे लिंक करने के लिए बायोमेट्रिक डाटा की जरूरत होती है। इसलिए मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक करने के लिए निर्वाचन आयोग को दिशानिर्देश जारी किए जाएं।
फर्जी मतदान संविधान की धारा का उल्लंघन
याचिका में कहा गया है कि फर्जी मतदान संविधान की धारा 14,325,326 का दो तरीके से उल्लंघन करती है। पहला यह कि ये स्वतंत्र मतदान करने के हमारे अधिकार का उल्लंघन करता है। यह एक मतदाता एक मत के सिद्धांत का भी उल्लंघन करता है। यह आम आदमी को निर्वाचित होने के अधिकार का भी उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया है कि मतदान की वर्तमान प्रक्रिया कम पारदर्शी है। इस प्रक्रिया से मतदाता का वेरिफिकेशन सही से नहीं हो पाता है।
आयकर विभाग को मालिक का पता चल सकेगा
याचिका में चल और अचल संपत्ति को भी आधार से लिंक करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि अब ज्यादातर लोगों के पास आधार कार्ड है। अगर चल संपत्ति को आधार से लिंक किया गया तो आयकर विभाग को संपत्ति के असली मालिक का पता चल सकेगा। ऐसे में अगर वैध मालिक ये कहता है कि संपत्ति के बारे में उसे जानकारी नहीं है तो उस संपत्ति को बेनामी संपत्ति माना जाए।
वोटर ID भी होंगे आधार से लिंक, नहीं होगा फर्जी मतदान
Reviewed by Ravindra Nagar
on
February 20, 2018
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