दारुल उलूम का फतवा- गैर मर्दों के हाथ से मुस्लिम महिलाओं का चूड़ी पहनना गुनाह
Dhanaoura times news
सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद ने रविवार को मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा एक फतवा जारी किया है. इस फतवे में मुस्लिम महिलाओं का गैर-महरम मर्दों से चूड़ियां पहनने को गलत करार दिया है. देवबंद के मुफ़्ती तारिक क़ासमी ने फतवा जारी करते हुए कहा कि गैर-महरम का अजनबी औरतों का चूड़ी पहनाना नाजायज़ और गुनाह है, जिनसे खून का रिश्ता न हो, ऐसे मर्दों के हाथों से चूड़ी पहनने के लिए औरतों का बाहर निकलना भी मना है. फतवे में इसे गुनाह बताया गया है.
नगर के मोहल्ला बड़जियाउलहक निवासी अहमद गौड़ ने दारुल उलूम के इफ्ता विभाग से लिखित सवाल किया था कि हमारे यहां आम तौर पर चूड़ियां बेंचने व पहनाने का काम मनीहार बिरादरी से संबंध रखने वाले लोग करते हैं. औरतों को चूड़ियां पहनने के लिए घर से निकलना पड़ता है और अपने हाथ गैर मर्दों के हाथों मे देने पड़ते हैं. क्या इस तरह घर से निकलकर या घर में रहकर औरतों का गैर मर्दों से चूड़ी पहनना जायज है. इस पर दारुल उलूम देवबंद के मुफ्तियों की खंडपीठ ने कहा कि गैरमहरम मर्द का अजनबी औरतों को चूड़ी पहनाना नाजायज और गुनाह है.दरअसल इस्लामी शरीयत के मुताबिक, किसी मुस्लिम महिला को हर उस मर्द से पर्दा करना होता है, जिससे उसका खून का रिश्ता न हो. इसी दलील के आधार पर फतवा देने वाली बॉडी दारुल इफ्ता ने ये जवाब जारी किया है. इस फतवे में ये भी साफ किया गया है कि चूड़ियां पहनना गलत नहीं है, लेकिन वो किसी गैर मर्द के हाथों से न पहनी जाए
सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद ने रविवार को मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा एक फतवा जारी किया है. इस फतवे में मुस्लिम महिलाओं का गैर-महरम मर्दों से चूड़ियां पहनने को गलत करार दिया है. देवबंद के मुफ़्ती तारिक क़ासमी ने फतवा जारी करते हुए कहा कि गैर-महरम का अजनबी औरतों का चूड़ी पहनाना नाजायज़ और गुनाह है, जिनसे खून का रिश्ता न हो, ऐसे मर्दों के हाथों से चूड़ी पहनने के लिए औरतों का बाहर निकलना भी मना है. फतवे में इसे गुनाह बताया गया है.
नगर के मोहल्ला बड़जियाउलहक निवासी अहमद गौड़ ने दारुल उलूम के इफ्ता विभाग से लिखित सवाल किया था कि हमारे यहां आम तौर पर चूड़ियां बेंचने व पहनाने का काम मनीहार बिरादरी से संबंध रखने वाले लोग करते हैं. औरतों को चूड़ियां पहनने के लिए घर से निकलना पड़ता है और अपने हाथ गैर मर्दों के हाथों मे देने पड़ते हैं. क्या इस तरह घर से निकलकर या घर में रहकर औरतों का गैर मर्दों से चूड़ी पहनना जायज है. इस पर दारुल उलूम देवबंद के मुफ्तियों की खंडपीठ ने कहा कि गैरमहरम मर्द का अजनबी औरतों को चूड़ी पहनाना नाजायज और गुनाह है.दरअसल इस्लामी शरीयत के मुताबिक, किसी मुस्लिम महिला को हर उस मर्द से पर्दा करना होता है, जिससे उसका खून का रिश्ता न हो. इसी दलील के आधार पर फतवा देने वाली बॉडी दारुल इफ्ता ने ये जवाब जारी किया है. इस फतवे में ये भी साफ किया गया है कि चूड़ियां पहनना गलत नहीं है, लेकिन वो किसी गैर मर्द के हाथों से न पहनी जाए
दारुल उलूम का फतवा- गैर मर्दों के हाथ से मुस्लिम महिलाओं का चूड़ी पहनना गुनाह
Reviewed by Ravindra Nagar
on
February 11, 2018
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