यूपी के इन अधिकारियों के सामने नीरव-माल्या भी फेल, फर्जीवाड़ा सुन रह जाएंगे दंग.
Dhanaoura times news Lucknow
लखनऊ: पीएनबी महाघाटाले के बाद देश में एक और विजय माल्या जैसे शख्स का नाम सामने आया. इस घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी पर इस 11400 करोड़ के फर्जीवाड़े का आरोप लगा है. विजय माल्या की तरह ही नीरव मोदी भी देश छोड़कर फरार हैं. लेकिन देश में ऐसे घोटाले बड़े व्यापारी ही नहीं बल्कि शासन में बैठे कुछ अधिकारी भी कर रहे हैं.*
*किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा*
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बरेली में किसानों के साथ फर्जीवाड़े का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. इस फर्जीवाड़े में किसानों को फसल की कीमत देने के नाम पर नकली कागज बने. पैसा भी सेंक्शन हुआ, लेकिन सारा पैसा अधिकारी डकार गए .
*अधिकारियों ने डकारे करोड़ों रुपये*
मिली जानकारी के मुताबिक, 527 किसानों से यूपी सरकार ने 54 रुपये प्रति किलो की दर पर 12 हजार क्विंटल उड़द दाल ख़रीदी. यह कीमत बाज़ार के भाव से कहीं ज़्यादा थी. कर्ज़ में दबे किसानों के लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती थी. इस साल जनवरी में जिन सरकारी अफ़सरों को किसानों से उड़द दाल ख़रीदने की जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने कागजों पर पर 527 फर्जी किसानों के नाम दर्ज कर लिए और दो करोड़ रुपये डकार लिये.
*कैसे हुआ घोटाला*
दरअसल, स्थानीय सहकारी विभाग को किसानों से सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दाल ख़रीदनी थी. इसके लिए राज्य सरकार ने एमएसपी के तहत 54 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उड़द दाल के लिए खरीदना तय किया. लेकिन ज़िले के किसानों से दाल ख़रीदने के बजाए अफ़सरों ने मंडी जाकर बिचौलियों से सांठ-गांठ की और 12,000 क्विंटल उड़द दाल 36 रुपये प्रति किलो के भाव पर ख़रीदी. लेकिन उनके सारे मंसूबे धरे के धरे रह गए. जब एक वरिष्ठ ज़िला अधिकारी ने 2 करोड़ से ज़्यादा भुगतान करने से पहले बिक्री के दस्तावेज़ जांचने का फ़ैसला किया.
*अफसरों पर एफआईआर दर्ज*
प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्ट अफ़सरों ने किसानों में जानकारी की कमी और बाज़ार में सस्ते दाम में उड़द की दाल उपलब्ध होने का फ़ायदा उठाया. सरकार ने उत्तर प्रदेश सहकारी संघ के चार अफ़सरों और दो बिचौलियों के ख़िलाफ़ ग़बन और रिकार्डों में फर्जीवाड़े के आरोप में एफआईआर दर्ज किया है. साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है.
यूपी के इन अधिकारियों के सामने नीरव-माल्या भी फेल, फर्जीवाड़ा सुन रह जाएंगे दंग.
Reviewed by Ravindra Nagar
on
February 18, 2018
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