मायावती का आरोप महाराष्ट्र जातीय हिंसा के पीछे बीजेपी और आरएसएस का हाथ
Dhanaoura times news lucknow
महाराष्ट्र के पुणे में जातीय हिंसा के मुद्दे पर देश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब यूपी की पूर्व सीएम और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी बीजेपी और आरएसएस को निशाने पर लिया है। बीएसपी सुप्रीमो ने पुणे हिंसा के लिए बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, हिंसा के पीछे बीजेपी और आरएसएस का हाथ है। दलितों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए। ये जो घटना घटी है रोकी जा सकती थी। सरकार को वहां सुरक्षा का उचित प्रबंध करना चाहिए था।
मायावती ने अाज एक पत्र जारी कर घटना की निंदा करते हुये कहा कि, 'बीजेपी और आरएसएस के लोग नहीं चाहते कि दलित अपने इतिहास को याद रखें। वहां बीजेपी की सरकार है और उन्होंने हिंसा कराई। लगता है इसके पीछे बीजेपी, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है।'
मायावती ने अाज एक पत्र जारी कर घटना की निंदा करते हुये कहा कि, 'बीजेपी और आरएसएस के लोग नहीं चाहते कि दलित अपने इतिहास को याद रखें। वहां बीजेपी की सरकार है और उन्होंने हिंसा कराई। लगता है इसके पीछे बीजेपी, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है।'
इस घटना में मृतक युवक के परिवार के प्रति गहरा शोक व दुःख व्यक्त करते हुये मायावती ने कहा कि मृतक परिवार की हर सम्भव मदद के साथ-साथ इस घटना में घायलों की भी समुचित सहायता सरकार को करनी चाहिये तथा दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी तत्काल करनी चाहिये ताकि जातिवादी लोग ऐसी दुस्साहस दोबारा नहीं कर सकें। लेकिन सरकार के रवैये को देखते हुये इसकी उम्मीद कम ही नजर आती है।
मायावती ने कहा कि ‘‘भीमा कोरेगांव शौर्य भूमि‘‘ का खासकर दलित समाज में विशेष महत्त्व है और इसी के मद्देनज़र स्वयं बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एक जनवरी सन 1927 को यहां अपना श्रद्धा-सुमन अर्पित करने गये थे। जिसके बाद से इस स्थल का महत्त्व दलित स्वाभिमान से और भी ज्यादा बढ़ गया था।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के वर्तमान शासनकाल में दलितों पर बर्बर जातिवादी व्यवहार व जुल्म-ज्यादती आदि की जितनी भी दर्दनाक घटनायें राष्ट्रीय स्तर पर चिन्ता का कारण बनी है उनमें से भी किसी मामले में दलितों को न्याय नहीं मिल पाया है और ना ही दोषियों को सख्त सजा ही मिल पायी है, जिसका ही परिणाम है कि बीजेपी के ऐसे जातिवादी तत्वों के हौंसले काफी ज्यादा बुलन्द हैं और वे लोग कानून-व्यवस्था को अपना बंधक बनाकर रखे हुये हैं, जो देश के लिए बड़ी शर्म व चिन्ता की बात है लेकिन फिर भी बीजेपी की सरकारें इससे बेपरवाह व गै़र-जिम्मेदार बनी हुई हैं। इन मामलों में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का रवैया और भी ज्यादा लापरवाह दिखाई पड़ता है।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हिंसा को लेकर अारएसएस और बीजेपी पर निशाना साधा था। उन्होंने मंगलवार शाम ट्वीट कर कहा कि भारत के लिए अारएसएस और बीजेपी का फासीवादी दृष्टिकोण ही यही है कि दलितों को भारतीय समाज में निम्न स्तर पर ही बने रहना चाहिए
मायावती का आरोप महाराष्ट्र जातीय हिंसा के पीछे बीजेपी और आरएसएस का हाथ
Reviewed by Ravindra Nagar
on
January 03, 2018
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