कानपुर में दवाओं के फ्री सैंपल के नाम पर हुई 100 करोड़ की टैक्स चोरी
Dhanaoura times news
फ्री सैंपल के नाम पर जुलाई से नवंबर 2017 के बीच दवा कंपनियां 100 करोड़ रुपये की कर चोरी कर चुकी हैं। महानिदेशक जीएसटी अन्वेषण (डीजीजीएसटीआइ) कार्यालय ने 40 बड़ी कंपनियों के कानपुर और लखनऊ में मौजूद कैरिज एंड फारवर्डिग (सीएंडएफ) को इसके संबंध में नोटिस भेजे हैं। माना जा रहा है कि यहां दवा कंपनियों ने 1,000 करोड़ रुपये के फ्री सैंपल सामान्य दवा की कीमत पर बेच दिए।
दवा कंपनियां पहले एक्साइज और वैट दोनों में पंजीकृत होती थीं। एक्साइज के तहत उन्हें 12.5 फीसद टैक्स देना होता था और वैट में अलग टैक्स लगता था। एक जुलाई, 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद दवा कंपनियों ने टैक्स इनवाइसिंग के पैटर्न में इस तरह का परिवर्तन किया कि केवल पांच माह में उन्होंने 100 करोड़ रुपये की कर चोरी की। अधिकारियों के मुताबिक फ्री सैंपल बेच कर की गई यह कर चोरी इससे ज्यादा हो सकती है, कम नहीं।
इस तरह हुआ खेल: हर दवा कंपनी कितनी दवाओं पर कितने फ्री सैंपल होंगे, यह दवाओं और कंपनियों के आधार पर बदलता रहता है। अधिकारियों के मुताबिक दवा कंपनियों ने अपनी टैक्स इनवाइस में फ्री सैंपल पर शून्य मूल्य दर्शाया और कोई टैक्स अदा नहीं किया, लेकिन स्टाकिस्ट के जरिए ये दवाएं बेच दी गईं। इस बिक्री को दर्शाया नहीं गया और उस पर जो टैक्स दिया जाना चाहिए था, वह नहीं दिया गया।
सामान्य दवाओं का बैच नंबर लिखा: दवाओं की निचले स्तर पर आसानी से बिक्री हो सके, इसके लिए उन पर सामान्य दवाओं का ही बैच नंबर और एमआरपी डाला गया। इसलिए इन्हें खरीदते समय भी ग्राहक को नहीं लगा कि वे फ्री सैंपल खरीद रहे हैं।
इनपुट क्रेडिट फ्री सैंपल पर भी लिया: जीएसटी में साफ है कि जिस चीज की बिक्री के बाद टैक्स जमा किया जाएगा, उसका ही इनपुट क्रेडिट टैक्स (आइटीसी) लिया जा सकेगा, लेकिन फ्री सैंपल की कीमत शून्य दिखाने के बाद भी उस पर कई कंपनियों ने इनपुट क्रेडिट टैक्स ले लिया। इसका कंपनी ने कोई टैक्स जमा नहीं किया था।
मिलान करने पर खेल खुला: कंपनी की टैक्स इनवाइस और दवा दुकानदार की टैक्स इनवाइस के मिलान पर यह खेल खुला। जिन दवाओं को फ्री बता मूल्य शून्य बताया गया था, दुकानदारों ने उन्हें अपने स्तर से बेचा हुआ था।
डीजीजीएसटी की कानपुर रीजनल यूनिट के उप निदेशक शलभ कटियार ने बताया, अपर महानिदेशक के निर्देश पर जांच शुरू हुई तो ये कमियां मिलती चली गईं। कई कंपनियों के टैक्स इनवाइस भी हाथ में आए जिनकी जांच की गई। इसके आधार पर 40 बड़ी कंपनियों के कानपुर व लखनऊ में मौजूद सीएंडएफ को नोटिस दिए गए हैं क्योंकि सीएंडएफ कंपनी के अधीन ही होते हैं।
कानपुर में दवाओं के फ्री सैंपल के नाम पर हुई 100 करोड़ की टैक्स चोरी
Reviewed by Ravindra Nagar
on
January 02, 2018
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