ताजमहल के दीदार मे भीड़ के मुकाबले इंतजाम नाकाफी हर दिन वापस हो रहे सैकड़ों दर्शक |
Dhanaoura times news
अतिथि देवो भव: नहीं यह तिरष्कार है। धक्के हैं। दुव्र्यवहार है। घंटों का इंतजार है। चोट है। यह सब मोहब्बत की अनमोल निशानी ताज में व्यवस्थाओं का खोट है। दीदार-ए-ताज को पिछले एक सप्ताह से दर्द की सारी सीमाएं टूट चुकी हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) और आगरा जिला प्रशासन पर्यटकों के लिए इंतजाम में पूरी तरह फेल हो गए हैं। टिकट से लेकर ताज के दीदार तक दर्शकों को लगभग तीन से चार घंटे का समय लग रहा है, इसके बाद भी शाहजहां-मुमताज की कब्रों तक नहीं पहुंच पा रहे। गुरुवार को तो स्मारक में किसी का पति अंदर प्रवेश कर गया, तो किसी का पिता। गेट पर बच्चे रोते-बिलखते रहे। हंगामा और धक्का-मुक्की हुई। पर्यटक सैकड़ों किमी दूर से आने का हवाला देकर मन्नतें करते रहे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अंत में मायूस होकर उन्हें वापस लौटना पड़ा। परंतु इससे भी बड़ी चिंता यह है कि ऐसे इंतजामों किसी दिन भगदड़ से बड़ा हादसा न हो जाए।
पर्यटन सीजन वाले क्रिसमस व न्यू ईयर के इस बार वीकेंड के साथ पडऩे की वजह से स्मारक पर आगरा में पर्यटकों के रिकॉर्ड टूट गए हैं। हर दिन 50 हजार से ज्यादा दर्शक ताज देखने आ रहे हैं। परंतु उनके लिए व्यवस्थाएं नहीं हैं। स्मारक के तीनों गेटों पर लंबी लाइनों के साथ चमेली फर्श और मुख्य मकबरे पर भी उन्हें घंटों लाइन में बिताने पड़ रहे हैं। मुख्य मकबरे पर लंबी लाइन की वजह रेलिंग लगाया जाना है, जबकि गेटों पर स्कैनर व डीएफएमडी की संख्या कम होने से यह स्थिति हो रही है। गुरुवार को हालत बहुत खराब रही। दोपहर 12 बजे के करीब ही स्मारक के तीनों गेटों पर लंबी लाइन लग गईं।
शाम 4:30 बजे ताज पूर्वी गेट पर पर्यटकों की लाइन चौक कागजियान और पश्चिमी गेट पर नीम तिराहा से आगे निकल गईं। शाम 5:30 बजे पूर्वी व पश्चिमी गेट बंद होने के समय भी दोनों गेटों पर ढाई से तीन हजार देसी-विदेशी सैलानी खड़े थे। एक महिला का पति स्मारक में प्रवेश कर गया था। बेंगलुरु के व्यक्ति की पत्नी को प्रवेश मिल गया था, वह बाहर ही रह गए। अपने परिजनों के स्मारक में होने का हवाला देकर वह सीआइएसएफ से स्मारक में प्रवेश देने को जिद्दोजहद करते रहे। कई पर्यटकों की तकरार भी हुई, मगर नियमों में बंधे सीआइएसएफ जवान उन्हें प्रवेश नहीं दिला सके।
काफी देर तक गेट पर चले हंगामे के बीच एक महिला धक्का लगने से गिर भी गई। सुनवाई नहीं होने से अंत में दोनों गेटों से पर्यटकों को मायूस होकर लौटना पड़ा। ताज पर गुरुवार को 31371 टिकट बिके। 15 वर्ष तक के बच्चों पर टिकट लागू नहीं होने व ऑनलाइन टिकट बिक्री के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। अनुमान है कि दिन भर में करीब 60-65 हजार पर्यटक ताज पहुंचे।
ताज का संरक्षण कर रहा एएसआइ हो या फिर पथकर वसूल रहा एडीए। दोनों को केवल टिकट बिक्री से होने वाली कमाई से मतलब है, उन्हें पर्यटकों की कतई चिंता नहीं है। विदेशी पर्यटकों के एक टिकट पर एएसआइ व एडीए को 500-500 रुपये और देसी पर्यटकों के टिकट पर एएसआइ व एडीए को क्रमश: 30 व 10 रुपये मिलते हैं। टिकट खरीदने के बाद पर्यटक अंदर प्रवेश कर पा रहे हैं या नहीं, इससे दोनों विभागों को कोई मतलब नहीं है। टिकट विंडो से स्मारक के बंद होने से आधा घंटे पहले तक टिकट विभाग बेचता है। इस समय को बढ़ाकर समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
सैकड़ों किमी दूर से आए पर्यटक जो टिकट खरीदते हैं, वह दिन भर के लिए ही वैलिड है। दूसरे दिन वह किसी काम का नहीं रहता। ग्रुप में या टूर ऑपरेटर के माध्यम से आए पर्यटक तो ताज देखे बगैर ही लौट जाते हैं, लेकिन जो रुकते हैं उन्हें दोबारा टिकट खरीदना पड़ता है।
कमिश्नर के. राम मोहन राव के निर्देशों पर ताज के तीनों गेटों पर सोमवार को मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे। इसके साथ ही क्यूआरटी भी लगाई गई थीं। चार दिन हो चुके हैं, मगर हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे। ताज पर गुरुवार को फिर सैकड़ों पर्यटकों को निराश होकर लौटना पड़ा। मजिस्ट्रेट आखिर क्या सो रहे हैं?
ताज दक्षिणी गेट का सुरक्षा कारणों की वजह से खुलने व बंद होने का समय अन्य गेटों से अलग है। जहां पूर्वी व पश्चिमी गेट सूरज की चाल से चलते हैं, वहीं यह गेट घड़ी की चाल से चलता है। इन दिनों गेट सुबह आठ बजे खुलता है और शाम पांच बजे बंद हो जाता है। इससे शाम को यहां भगदड़ मचती है, जिससे किसी भी दिन कोई गंभीर हादसा हो सकता है।
आगरा में ताज की कैटरिंग कैपेसिटी (धारण क्षमता) पांच हजार पर्यटक प्रति घंटे का सुझाव नेशनल एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट ने दो साल पहले दिया था। इससे एएसआइ सहमत नहीं है। इसके बाद नीरी ने छुट्टी के दिनों में भी स्टडी की अनुमति मांगी थी लेकिन एएसआइ इस फाइल को दबाए बैठी है।
भारतीय, 25343
विदेशी, 5466
सार्क, 562
कुल, 31371
विदेशी, 5466
सार्क, 562
कुल, 31371
शाहजहां गार्डन का पुरानी मंडी चौराहा स्थित गेट बंद किए जाने से स्थिति खराब हो गई है। दक्षिणी व पूर्वी गेट पर बोझ और बढ़ गया है। पर्यटक ताजगंज में इधर से उधर भटक रहे हैं। इसका फायदा सक्रिय हुए लपके उठा रहे हैं। पुलिस तमाशबीन बनी हुई है।
पुलिस द्वारा सोमवार को शाहजहां गार्डन का पुरानी मंडी चौराहा स्थित गेट पर्यटकों के लिए बंद करा दिया गया था। इसे सुबह छह से नौ बजे तक और शाम को छह से आठ बजे तक टहलने आने वाले लोगों के लिए ही खोला जा रहा है। सुबह के समय इस गेट से पर्यटक प्रवेश कर ताज पश्चिमी गेट तक पहुंच जाते हैं। ताज का दीदार कर जब वह लौटते हैं तो उन्हें गेट बंद मिलता है।
ताज में टिकट, सुरक्षा जांच, चमेली फर्श पर लंबी लाइनों में लगकर पर्यटक पहले ही इतना थक जाता है कि उन्हें ताजगंज में रास्तों की तलाश में भटकना भारी पड़ जाता है। या फिर वह पश्चिमी गेट पार्किंग पहुंचते हैं।
दोपहर में पुरानी मंडी गेट पर पहुंचे पर्यटकों को ताजगंज में होते हुए दक्षिणी व पूर्वी गेट तक पैदल जाना होता है। इन दोनों गेटों पर पर्यटकों का बोझ बढऩे से ताजगंज में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा रही है। दिन भर यहां जाम के हालात बने रहते हैं।
एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमसुद्दीन कहते हैं कि पुलिस-प्रशासन, एएसआइ और सीआइएसएफ क्राउड कंट्रोल में असफल हैं। शाहजहां गार्डन के गेट पर ताला लगाने से पर्यटकों की परेशानी बढ़ गई है। गेट बंदी का बोर्ड भी नहीं लगवाया गया है।
पुलिस द्वारा सोमवार को शाहजहां गार्डन का पुरानी मंडी चौराहा स्थित गेट पर्यटकों के लिए बंद करा दिया गया था। इसे सुबह छह से नौ बजे तक और शाम को छह से आठ बजे तक टहलने आने वाले लोगों के लिए ही खोला जा रहा है। सुबह के समय इस गेट से पर्यटक प्रवेश कर ताज पश्चिमी गेट तक पहुंच जाते हैं। ताज का दीदार कर जब वह लौटते हैं तो उन्हें गेट बंद मिलता है।
ताज में टिकट, सुरक्षा जांच, चमेली फर्श पर लंबी लाइनों में लगकर पर्यटक पहले ही इतना थक जाता है कि उन्हें ताजगंज में रास्तों की तलाश में भटकना भारी पड़ जाता है। या फिर वह पश्चिमी गेट पार्किंग पहुंचते हैं।
दोपहर में पुरानी मंडी गेट पर पहुंचे पर्यटकों को ताजगंज में होते हुए दक्षिणी व पूर्वी गेट तक पैदल जाना होता है। इन दोनों गेटों पर पर्यटकों का बोझ बढऩे से ताजगंज में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा रही है। दिन भर यहां जाम के हालात बने रहते हैं।
एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमसुद्दीन कहते हैं कि पुलिस-प्रशासन, एएसआइ और सीआइएसएफ क्राउड कंट्रोल में असफल हैं। शाहजहां गार्डन के गेट पर ताला लगाने से पर्यटकों की परेशानी बढ़ गई है। गेट बंदी का बोर्ड भी नहीं लगवाया गया है।
ताजमहल के दीदार मे भीड़ के मुकाबले इंतजाम नाकाफी हर दिन वापस हो रहे सैकड़ों दर्शक |
Reviewed by Ravindra Nagar
on
December 29, 2017
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