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प्रदेश में बनेंगी उच्च गुणवत्ता की सड़कें, निर्माण की नई तकनीक पर कार्यशाला








Dhanaoura times news Lucknow sheeba Khan
प्रदेश में सड़कें बनाने में नई तकनीक के प्रयोग को लेकर दो दिन तक मंथन होगा। कार्यशाला के पहले दिन केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शुरूआत की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व लोकनिर्माण विभाग के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य इस कार्यशाला का समापन करेंगे। मौर्या ने कहा कि अब प्रदेश की हर सड़क दो लेन से कम नहीं होगी। गांवों में भी अब सिंगिल लेन की दो लेन की सड़कें बनेंगी। अब हर सड़क के निर्माण और उसके पूरा होने की तिथि का विवरण वेबसाइट पर डाला जाएगा।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि  रोड बनने से गरीबी हटा सकते हैं, रोजगार दे सकते हैं। अटल जी जब PM थे तब उन्होंने मुझे मुम्बई से दिल्ली बुलाकर जिम्मेदारी दी थी कि देश मे अब सड़कों के लिए काम करो। देश में साढ़े 6 लाख गांव हैंअगर इनको मजबूत सड़कों से जोड़ने में देश की GDP को 1 लाख 10 हज़ार करोड़ का इजाफा होगा। देश की सबसे लोकप्रिय योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का शुभारंभ करने का मौक़ा मुझे अटल जी की सरकार में ही मिला, सवाल पैसे, टेक्नोलॉजी का नहीं विजन का है गोआ में 1 लोकसभा है मैंने गोआ को 15 हज़ार करोड़ दिया, वॉटर, पॉवर, ट्रांसपोर्ट और communication  होगा वहीं विकास होगा। अमेरिका की सड़कें इसलिए नहीं अच्छी हैं क्योंकि अमेरिका अमीर है। अमेरिका इसलिए अमीर है कि वहां की सड़कें अच्छी है। 
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सड़क परिवहन के क्षेत्र में अपनी नयी विचारधारा के लिए जान जाते हैं। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में जो काम हुए उन्हें साझा नहीं किया गया। कहा गया कि सड़कों के निर्माण में कम लागत में पर्यावरण का नुकसान किये बगैर रीसायक्लिंग से नयी तकनीक आज समय की जरूरत है।श्री मौर्य ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो एक लाख इक्कीस हजार किलोमीटर गड्ढायुक्त सड़कें मिली थीं। हमने चौरासी हजार किमी सड़कों को गड्ढामुक्त किया। सेंट्रल रोड फंड से उत्तर प्रदेश को दस हजार करोड़ रुपये का फण्ड मिला। पहले मात्र सात सौ करोड़ रुपये मिलते थे।
कार्यशाला में कुछ प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यों के लोक निर्माण मंत्री व उनके अफसर तथा आईआईटी व अन्य संस्थानों के सड़क निर्माण विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।  इसमें इण्डियन रोड कांग्रेस के महासचिव समेत नीदरलैंड, जर्मनी व इंग्लैण्ड के तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि इस तरह की कार्यशाला प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में पहली बार हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सड़कों की गुणवत्ता, उनकी भार सहने की क्षमता और लागत कम करने पर गहनता से विचार कर रही है। इन तीन बिन्दुओं को लेकर कार्यशाला में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्रियों, विभिन्न राज्यों के लोकनिर्माण मंत्री व सड़क तकनीक विशेषज्ञ कार्यशाला में दो दिन तक अपने अनुभव साझा करेंगे।
 नई तकनीक से बनी प्रदेश की ये सड़कें : मौर्य ने बताया कि तकनीक विशेषज्ञों को भाजपा सरकार के आठ महीने के कार्यकाल में बनी 15 नवीनतम तकनीक की सड़कों पर भी ले जाया जाएगा। इनमें पांच करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क उन्नाव की दोस्ती नगर बाईपास, 277 करोड़ का हरदोई में पलिया-लखनऊ मार्ग, 342 करोड़ का सीतापुर में बिलरायां-पनवारी मार्ग, 170 करोड़ का लखनऊ- हरदोई मार्ग, 202 करोड़ का लखनऊ-पलिया मार्ग, उन्नाव में 19 करोड़ का सण्डीला-रसूलाबाद-चकरवंशी मार्ग, 102 करोड़ का उन्नाव-शुक्लागंज मार्ग, 31 करोड़ का लखनऊ में बिजनौर-सिसेंडी-मौरावां मार्ग, 4 करोड़ का लखनऊ-कुर्सी-महमूदाबाद मार्ग, 33 करोड़ का लखनऊ-वाराणसी (तेलीबाग) मार्ग, लखनऊ में 21 करोड़ का पिकप तिराहे से शहीद पथ तक, 16 करोड़ में गोला-अलीगंज मार्ग, 16 करोड़ में कानपुर देहात में सिकन्दरा-झींझक-रसूलाबाद मार्ग तथा 136 करोड़ का जौनपुर में लुम्बिनी-दुद्धी मार्ग शामिल हैं।

प्रदेश में बनेंगी उच्च गुणवत्ता की सड़कें, निर्माण की नई तकनीक पर कार्यशाला Reviewed by Ravindra Nagar on December 08, 2017 Rating: 5

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