*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जा सकते है जैल ! हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा.
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मानव अधिकार कार्यकर्ता (जिनका नाम है असद) बताते हैं कि २२ दिसंबर को मुख़्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहक्षेत्र गोरखपुर जिले में हुई साम्प्रदायिक हिंसा से जुड़े हुए दूसरे मामले में भी आज उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट में बहस पूरी हुई और फैसला भी सुरक्षित हुआ। इसके मुख्य अभियुक्त स्वयं मुख़्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी हैं।*
*मानव अधिकार कार्यकर्ता असद बताते हैं की मामले की दर्ज की गयी रिपोर्ट के अनुरूप २७ जनवरी २००७ के सुबह मुख़्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ही कुछ समर्थकों*
जैसे मनोज खेमका व हर्ष वर्धन सिंह, भगवती और रामावतार जालान, दयाशंकर दुबे, अशोक शुक्ला तथा राम लक्ष्मण के साथ मिलकर जिला गोरखपुर के मोहल्ला खुनीपुर में स्थित एक मज़ार और यहीं स्थित इमाम चौक पर की गयी तोड़ फोड़ का आरोप, धार्मिक पुस्तकों का अपमान करना, व आग जनी और यहां पर लूटपाट की घटना कारित की गयी थी।
इस घटना के संबंध में रशीद खान ने मामला दर्ज कराया था ( क्राइम नंबर ४३/२००७) थाना कोतवाली ( गोरखपुर ) के अंतर्गत धारा १४७, २९५, २९७, ४३६, ५०६, १५३ a, IPC में दर्ज कराया गया था. इसी मामले में योगी जी गिरफ्तार भी हुए थे और एक सप्ताह से भी ज्यादा समय के लिए जेल भी रहकर आये और फिर ज़मानत लेकर बाहर आये है। फिर योगी जी ने संसद के अंदर रो-रो के अपनी तकलीफ बताई थी कि वहाँ जेल में उनके साथ कितना गलत व्यवहार हुआ.
*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जा सकते है जैल ! हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा.
Reviewed by Ravindra Nagar
on
December 28, 2017
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