नगर में कई जगहा मनाया गया पंडित मदन मालवीय व् अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिन
Dhanaoura times news
मंडी धनौरा नगर पालिका चेयरमैन राजेश सैनी के नेतृत्व में नगर के मौहल्ला शिवपरी व् माता रानी मंदिर में भाजपाई व् अन्य लोग एकत्र हुए तथा पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेई के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनकी लम्बी उम्र की कामना की।
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के कार्यक्रम में प्रशस्ति व् शॉल उड़ा कर सम्मान मिला
इस अवसर पर। मुकेश शर्मा ने उनके कवी होने के बारे में लोगो बताया की अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक कवि भी हैं। मेरी इक्यावन कविताएँ अटल जी का प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है। वाजपेयी जी को काव्य रचनाशीलता एवं रसास्वाद के गुण विरासत में मिले हैं। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर रियासत में अपने समय के जाने-माने कवि थे। वे ब्रजभाषा और खड़ी बोली में काव्य रचना करते थे। पारिवारिक वातावरण साहित्यिक एवं काव्यमय होने के कारण उनकी रगों में काव्य रक्त-रस अनवरत घूमता रहा है। उनकी सर्व प्रथम कविता ताजमहल थी। इसमेंशृंगार रस के प्रेम प्रसून न चढ़ाकर "एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल, हम गरीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मजाक" की तरह उनका भी ध्यान ताजमहल के कारीगरों के शोषण पर ही गया। वास्तव में कोई भी कवि हृदय कभी कविता से वंचित नहीं रह सकता। राजनीति के साथ-साथ समष्टि एवं राष्ट्र के प्रति उनकी वैयक्तिक संवेदनशीलता आद्योपान्त प्रकट होती ही रही है। उनके संघर्षमय जीवन, परिवर्तनशील परिस्थितियाँ, राष्ट्रव्यापी आन्दोलन, जेल-जीवन आदि अनेक आयामों के प्रभाव एवं अनुभूति ने काव्य में सदैव ही अभिव्यक्ति पायी। विख्यात गज़ल गायकजगजीत सिंह ने अटल जी की चुनिंदा कविताओं को संगीतबद्ध करके एक एल्बम भी निकाला था।वही
राजेश सैनी ने उनके बारे में लोगो को जानकारी दी उन्होंने बताया की अटल बिहारी वाजपेयी (अंग्रेज़ी , (जन्म: २५ दिसंबर, १९२४) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वे पहले १६ मई से १ जून १९९६ तथा फिर १९ मार्च १९९८ से २२ मई २००४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।[1] वे हिन्दी कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता भी हैं। वेभारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से एक हैं और १९६८ से १९७३ तक उसके अध्यक्ष भी रहे। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। कभी किसी दल ने आनाकानी नहीं की। इससे उनकी नेतृत्व क्षमता का पता चलता है।
इस अवसर पर
विवेक अग्रवाल, सभासद देशराज सैनी, शलभ भारद्वाज, ब्रजेश अग्रवाल, कपिल कुमार, सुनील प्रजापति, बाबूराम सैनी, हिमांशु अग्रवाल, विशाल सैनी, हुकम सिंह सैनी अध्यक्ष राजीव दीक्षित मुकेश शर्मा पूर्व सभासद नवनिर्वाचित सभासद नेहा शर्मा सचिन शर्मा प्रथम, सचिन शर्मा द्वितीय महेश शर्मा संजीव शर्मा आदि ।।
मंडी धनौरा नगर पालिका चेयरमैन राजेश सैनी के नेतृत्व में नगर के मौहल्ला शिवपरी व् माता रानी मंदिर में भाजपाई व् अन्य लोग एकत्र हुए तथा पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेई के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनकी लम्बी उम्र की कामना की।
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के कार्यक्रम में प्रशस्ति व् शॉल उड़ा कर सम्मान मिला
इस अवसर पर। मुकेश शर्मा ने उनके कवी होने के बारे में लोगो बताया की अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक कवि भी हैं। मेरी इक्यावन कविताएँ अटल जी का प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है। वाजपेयी जी को काव्य रचनाशीलता एवं रसास्वाद के गुण विरासत में मिले हैं। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर रियासत में अपने समय के जाने-माने कवि थे। वे ब्रजभाषा और खड़ी बोली में काव्य रचना करते थे। पारिवारिक वातावरण साहित्यिक एवं काव्यमय होने के कारण उनकी रगों में काव्य रक्त-रस अनवरत घूमता रहा है। उनकी सर्व प्रथम कविता ताजमहल थी। इसमेंशृंगार रस के प्रेम प्रसून न चढ़ाकर "एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल, हम गरीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मजाक" की तरह उनका भी ध्यान ताजमहल के कारीगरों के शोषण पर ही गया। वास्तव में कोई भी कवि हृदय कभी कविता से वंचित नहीं रह सकता। राजनीति के साथ-साथ समष्टि एवं राष्ट्र के प्रति उनकी वैयक्तिक संवेदनशीलता आद्योपान्त प्रकट होती ही रही है। उनके संघर्षमय जीवन, परिवर्तनशील परिस्थितियाँ, राष्ट्रव्यापी आन्दोलन, जेल-जीवन आदि अनेक आयामों के प्रभाव एवं अनुभूति ने काव्य में सदैव ही अभिव्यक्ति पायी। विख्यात गज़ल गायकजगजीत सिंह ने अटल जी की चुनिंदा कविताओं को संगीतबद्ध करके एक एल्बम भी निकाला था।वही
राजेश सैनी ने उनके बारे में लोगो को जानकारी दी उन्होंने बताया की अटल बिहारी वाजपेयी (अंग्रेज़ी , (जन्म: २५ दिसंबर, १९२४) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वे पहले १६ मई से १ जून १९९६ तथा फिर १९ मार्च १९९८ से २२ मई २००४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।[1] वे हिन्दी कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता भी हैं। वेभारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से एक हैं और १९६८ से १९७३ तक उसके अध्यक्ष भी रहे। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। कभी किसी दल ने आनाकानी नहीं की। इससे उनकी नेतृत्व क्षमता का पता चलता है।
इस अवसर पर
विवेक अग्रवाल, सभासद देशराज सैनी, शलभ भारद्वाज, ब्रजेश अग्रवाल, कपिल कुमार, सुनील प्रजापति, बाबूराम सैनी, हिमांशु अग्रवाल, विशाल सैनी, हुकम सिंह सैनी अध्यक्ष राजीव दीक्षित मुकेश शर्मा पूर्व सभासद नवनिर्वाचित सभासद नेहा शर्मा सचिन शर्मा प्रथम, सचिन शर्मा द्वितीय महेश शर्मा संजीव शर्मा आदि ।।
नगर में कई जगहा मनाया गया पंडित मदन मालवीय व् अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिन
Reviewed by Ravindra Nagar
on
December 25, 2017
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