राष्ट्रपति से मांगी सामूहिक इच्छामृत्यु की अनुमति इलाहाबाद विवि शोधार्थियों ने
Dhanaoura times news
इलाहाबाद विवि के कला संकाय के शोधार्थियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सामूहिक इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। शोधार्थियों ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में फैक्स संदेश भेजकर बताया है कि विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग में हमारा लगातार मानसिक उत्पीडऩ किया रहा है। शोध कार्य पूरा न होने की धमकी मिल रही है।
शोध छात्रों ने भेजे संदेश में बताया है कि सत्र शुरू होने के पांच महीने बाद भी न तो अभी तक फीस जमा हो सकी है और न ही परिचय पत्र बना है। इससे फेलोशिप भी नहीं मिल रही है। डीन आट्र्स को प्रत्यावेदन देने के बाद भी कोई उचित कदम नहीं उठाया गया। विद्यार्थियों का कहना है कि यूजीसी के एक नियम जिसमें कहा गया है कि सेवानिवृत्त शिक्षक शोध नहीं करा सकते की आड़ में हमारा उत्पीडऩ किया जा रहा है। यह आदेश पांच मई 2016 को आया है पर जिन छात्रों को परेशान किया जा रहा है उनका रजिस्ट्रेशन 2011 व 2012 में हुआ है।
शोधार्थियों का कहना है कि विश्वविद्यालय ने बाद में कार्यपरिषद व विद्वत परिषद द्वारा नियम पारित कर शोध को अनुमति दे दी गई पर एक शर्त रख दी गई कि अपना शोध कार्य छह माह के भीतर ही पूरा करना होगा। विद्यार्थियों का कहना है कि जिन छात्रों का शोध कार्य दो वर्ष का ही हुआ है वे कैसे छह माह में शोध कार्य पूरा कर पाएंगे।
शोधार्थी विजय कुमार जायसवाल, रजनीश कुमार सोनी, किरन पाल, ध्रुपद कुमार व निखिल जायसवाल का तर्क है कि यदि सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य कर सकते हैं, कॉपी जांच सकते हैं, एक्सपर्ट बन सकते हैं तो शोध कार्य क्यों नहीं। छात्रों ने इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की है।
राष्ट्रपति से मांगी सामूहिक इच्छामृत्यु की अनुमति इलाहाबाद विवि शोधार्थियों ने
Reviewed by Ravindra Nagar
on
December 15, 2017
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