ईडी ने यादव सिंह की 5.9 करोड़ की संपत्ति की अटैच
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नोएडा विकास प्राधिकरण के दागी चीफ इंजीनियर यादव सिंह की आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। यादव सिंह ने अपनी काली कमाई से दिल्ली से लेकर मथुरा तक करोड़ रुपये की संपत्तियां जुटा रखी हैं। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने मामले में यादव सिंह की 5.9 करोड़ की संपत्ति अटैच की है।
ईडी ने यादव सिंह, उसकी पत्नी कुसुमलता व पीजीडी चैरीटेबल ट्रस्ट संचालकों के खिलाफ लखनऊ की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में आरोपपत्र भी दाखिल किया है। बताया गया कि ईडी जल्द यादव सिंह की अन्य संपत्तियां भी अटैच कर सकती है। उसकी दिल्ली व अन्य स्थानों पर कई अन्य संपत्तियां चिह्नित कर ली गई हैं।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में दागी चीफ इंजीनियर यादव सिंह के खिलाफ सीबीआइ जांच भी चल रही है। ईडी ने भी गत दिनों यादव सिंह के खिलाफ मनीलॉर्डिंग का केस दर्ज किया था। जिसकी जांच का जिम्मा ईडी की लखनऊ शाखा को सौंपा गया था। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, यादव सिंह ने अपनी बेनामी संपत्ति को ठिकाने लगाने के लिए पीजीपी चैरीटेबल ट्रस्ट बनाई थी।
यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता इस ट्रस्ट की ट्रस्टी हैं। ट्रस्ट में यादव सिंह की भाभी विद्या देवी व परिवार के अन्य सदस्यों के नाम भी शामिल हैं। इस ट्रस्ट के नाम अकेले नोएडा स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में 4.6 करोड़ रुपये जमा थे। ईडी ने बैंक में जमा 4.6 करोड़ रुपये के अलावा मथुरा स्थित दो प्लाट, गौतमबुद्धनगर के जहांगीरपुर जेवर स्थित दो संपत्तियां व दिल्ली स्थित एक आफिस परिसर को अटैच किया है।
सीबीआइ व अन्य जांच एजेंसियां अब तक यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता का कोई सुराग नहीं लगा सकी हैं। माना जा रहा है कि कुसुमलता विदेश भाग गई थीं। कुसुमलता को यादव सिंह की संपत्तियों की पूरी जानकारी है।
बताया गया कि मथुरा स्थित प्लॉट पर यादव सिंह ट्रस्ट के नाम पर कॉलेज खोलने की फिराक में था। लोगों से डोनेशन के नाम पर चेक के जरिए रकम लेकर इस ट्रस्ट में जमा कराई जाती थी। बाद में उन्हें रकम नकदी में लौटी दी जाती थी। जांच में सामने आया कि इसके जरिए काली कमाई को सफेद करने का खेल चल रहा था।
ईडी ने यादव सिंह की 5.9 करोड़ की संपत्ति की अटैच
Reviewed by Ravindra Nagar
on
December 24, 2017
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