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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में 51 में से 19 लोग ही पहुंचे

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तीन तलाक मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की रविवार को एक आपात बैठक लखनऊ में शुरू हो चुकी है। इसमें संसद में पेश होने वाले तीन तलाक संबंधी बिल पर आगे की रणनीति पर चर्चा की जा रही है। यह बैठक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी के नेतृत्व में नदवा कॉलेज में हो रही है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में 51 में सिर्फ 19 लोग ही शामिल हैं।
बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी, महासचिव मौलाना वली रहमानी, सचिव मौलाना सैफुल्लाह रहमानी, असदुद्दीन ओवैसी और जफरयाब जिलानी सहित कई सदस्य शामिल हैं। बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना डॉ कल्बे सादिक और मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली बैठक में शामिल नहीं हुए। इस आपात बैठक में शामिल होने के लिए बोर्ड की वर्किंग कमेटी के सभी 51 सदस्यों के बुलाया गया। बैठक में शिरकत करने बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसन नदवी पहुंच गए हैं। बोर्ड के महासचिव मौलना सईद वली रहमानी के अलावा सेक्रेटरी मौलना खालिद सैफुल्लाह रहमानी, ख़लीलुल रहमान सज्जाद नौमानी, मौलाना फजलुर रहीम, मौलाना सलमान हुसैनी नदवी भी पहुंचे हैं। बैठक करीब पांच घंटे चलेगी और दोपहर तीन बजे के आसपास आधिकारिक तौर पर बैठक में लिए गए निर्णय को सार्वजनिक किया जाएगा।
दरअसल, ज्यादातर मुस्लिम नेता व धर्म गुरु इस बिल को महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नहीं बल्कि एक राजनीतिक स्टैंड मान रहे हैं। मुस्लिम नेताओं का आरोप है कि मोदी सरकार इस बिल के जरिये केवल सियासत करना चाहती है। दरअसल, केंद्र सरकार इस बिल के जरिये तीन तलाक देने वालों को तीन साल की सजा सहित जुर्माने का प्रावधान करने जा रही है। इन परिस्थितियों को देखते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की यह आपात बैठक बुलाई गई है।
वर्किंग कमेटी के सभी 51 सदस्यों को लखनऊ बुला लिया गया है। कई सदस्य शनिवार देर रात लखनऊ पहुंच भी गए। बोर्ड के सीनियर मेंबर खालिद रसीद फरंगी महली इस समय मलेशिया में हैं इसलिए उनका इस बैठक में पहुंचना मुश्किल है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारी समिति के सचिव जफरयाब जिलानी भी इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए शनिवार देर रात दिल्ली से लखनऊ पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि यह आपात बैठक तीन तलाक के उस बिल पर होने जा रही है जिसे मोदी सरकार संसद में पेश करने जा रही है। इस बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपनी इस बैठक के जरिए सीधा संदेश सरकार तक पहुंचाना चाहता है कि वो ऐसे किसी भी तीन तलाक पर बिल का विरोध करेगा, जो उसकी सहमति के बगैर संसद में पेश किया जाएगा।
क्रिसमस के अवकाश के बाद मंगलवार को संसद में तीन तलाक बिल पेश करेगी पर्सनल लॉ बोर्ड राजनीतिक दलों से भी इसका विरोध करने की अपील कर सकता है।
ऐसा है प्रस्तावित बिल
- एक साथ तीन बार तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) कहना गैरकानूनी होगा।
- ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास की सजा हो सकती है. यह गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा।
- यह कानून सिर्फ 'तलाक ए बिद्दत' यानी एक साथ तीन बार तलाक बोलने पर लागू होगा।
- तलाक की पीडि़ता अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से अपील कर सकेगी।
- पीडि़त महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है. मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे।
- यह प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में 51 में से 19 लोग ही पहुंचे Reviewed by Ravindra Nagar on December 24, 2017 Rating: 5

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